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E Name Portal Registration Scheme 2020 / सरकार की नई योजना ई -नाम अब किसानो को होगा दोगुना मुनाफा
E Name Portal Registration Scheme 2020 दोस्तों जैसा की आप लोगो के लिए मोदी सरकार बनने से पहले यह गठन लिया था! की वह आने वाले दिनों में किसानो की आय को दुगनी कर देंगे! इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने राष्ट्री कृषि बाजार E NAME PORTAL की स्थापना की है! ऑनलाइन की यह मंडी किसानो की हित के लिए ही है! और अब तक देश के बहुत सारे किसान इसके तहत जुड़ चुके है! और अपनी आय को दुगुना करने या अपनी आय को बढाने के लिए काफी! अच्छे से कार्य भी कर रहे है! तो दोस्तों जान लेते है! ई नाम योजना के बारे में |
किसानो के लिए नयी योजना
अब किसान की आय होगी दुगुनी
राष्ट्री कृषि बाजार योजना (ई नाम मंडी )
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में किसानो की आमदनी को दुगुना करने के लिए सरकार ने राष्ट्रिय कृषि बाजार की स्थापना की यह एक ऑनलाइन मंडी है! (E Name Mandi) के साथ जुड़ रहे है! और अभी करीब पौने दो करोड़ किसान इस मंडी से जुड़ चुके है! राष्ट्रीय कृषि बाजार ई नाम मंडी 2017 में इस मंडी से केवल 17000 किसान ही जुड़े थे! जबकि 2018 -19 में इसकी संख्या पौने दो करोड़ तक पहुच चुकी है! किसानो को उनके फसल को बेचने पर उचित रकम मिल जाती है! जो की पूरे देश भर के किसानो के लिए होती है |
E Name Portal Registration Scheme 2020 / E NAM PORTAL
ई नाम पोर्टल E-NAME Portal एक इलेक्ट्रानिक पोर्टल है! जो पूरे देश के किसानो को 585 से भी अधिक मंडियों में अपने अनाज या उगाए गए फसलो को बेचने का बाजार उपलब्ध कराता है! ई नाम पूरे देश में एग्री मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है! इसका एक मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रिय स्तर पर एक उचित बाजार उपलब्ध करवाना है! इसमें किसानो को उनकी फसल के लिए एवज में एक सही रकम मिल सके ई नाम पोर्टल के इसी उपलब्धता को देखते हुए किसान इस पोर्टल पर बहुत ही तेजी से जुड़ रहे है! नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट के जरिये कृषि उत्पादों को अधिक दम मिलेंगी और सरकार ने किसानो की आमदनी भी दुगनी हो जाएँगी! जिसके लिए सरकार ने किसानो के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ राज्य स्तर पर भी योजनाए चलाई है! और ई नाम पोर्टल भी |
E Name Portal Registration Scheme 2020 / ई पोर्टल के फायदे
चुकी यह एक इलेक्ट्रानिक पोर्टल है! और इसके तहत देश के 585 मंडियों को शामिल किया गया है! इसकी सहायता से देश के विभिन्न राज्यों में स्थिति कृषि उपज के मंडी को इन्टरनेट के जरिये जोड़ दिया गया है! यानी की अगर कोई बिहार का किसान अपने फसल को गोरखपुर में बेचना चाहता है! तो कृषि उपज को ले जाने और मार्केटिंग करना काफी ज्यादा आसान हो गया है|
नोट यह भी पढ़े चेहरा दिखाकर करे आधार कार्ड प्रिंट
BENEFITS FOR FARMER,S
- देश के अलग अलग राज्यों के किसानो को एक उचित मंडी मिलेंगी जिसमे उनके फसल एवज में एक उचित रकम मिलेंगा
- ई नाम पोर्टल इसकी सहायता से किसान और खरीदार के बीच कोई दलाल नहीं रहेंगा यानी किसान सीधा अपना खरीदार को दे सकता है |
- किसान और व्यापारियों के बीच इस कारोबार में स्थानीय कृषि उपज मंडी के हित को कोई नुकसान नहीं होगा! क्योकि पूरा व्यापर इस के माध्यम से हो रहा है |
- और किसानो को उनकी फसल के एवज में एक उचित मूल्य मिलेंगा जिससे किसानो को प्रोत्साहन और आय में बढ़ोतरी होगी |
क्या थी किसानो की पहले सबसे बड़ी समस्या
E Name Portal आने से पहले किसानो की सबसे बहुत बड़ी समस्या थी! की वह जो फसल उगा रहा है! उस पर काफी मेहनत कर रहा है! लेकिन जब वह व्यक्ति बाजार में फसल लेके जाता है तो वह एक बिचौलियों को देता है! और वह बिचौलिया उसको खरीदार के पास बेचता है! ऐसे में दोस्तों किसानो को बिचौलियों के द्वारा कम पैसा देकर फसल खरीद लिया जाता था! और किसानो को अपनी फसल का एवज में उचित मूल्य नहीं मिल पाती थी लेकिन इस पोर्टल के आने से यह समस्या ख़त्म हो गई है |
Good looking scheme but the implementation is the real hurdles everywhere in our nation.
Lack of trained software computer operators supervisers is also reason of less registration of farmer’s some flaws are there which can be cleared by software knowledge.
Whatever is declared doesn’t reach the poor in many areas due to non cooperation from the local self governments municipal corporations amd panchayats mostly due to politics